पूछ रही राधा बताओ गिरधारी - प्रस्तुत गीत में राधा और श्री कृष्ण का वार्तालाप है। जिसमें राधा अपने आराध्य श्री कृष्ण से पूछ रही है कि , मैं तुम्हें प्यारी लगती हूं या तुम्हें बांसुरी प्यारी लगती है। तुम सारा दिन अपने सखाओं के साथ मिलकर घूमा करते हो और माखन चोरी करते हो। किंतु यह सब तुम्हें करना याद रहता है और मेरी तुम्हें याद नहीं आती।
तुम जब बोलते हो तो ऐसी मीठी वाणी बोलते हो जिसमें हर व्यक्ति धोखा खा जाता है। तुम्हें स्पष्ट करना होगा कि मैं प्यारी हूं या बंसी इस प्रकार का वार्तालाप इस भजन के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया गया है।
puch rahi radha batao giridhari lyrics
पूछ रही राधा बताओ गिरधारी
पूछ रही राधा बताओ गिरधारी
मैं लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
मैं लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
पूछ रही राधा बताओ गिरधारी
पूछ रही राधा बताओ गिरधारी
मैं लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
मैं लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
गोकुल में छुप छुप के माखन चुराए
ग्वाल - बाल संग मिल बांट के खाएं
गोकुल में छुप छुप के माखन चुराए
ग्वाल बाल संग मिल बांट के खाएं
ग्वाल बाल संग मिल बांट के खाए
दर्शन की..........
दर्शन की प्यासी राधा बेचारी
दर्शन की प्यासी राधा बेचारी
में लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
मैं लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
सारा दिन घूम वृंदावन भटक्यो
सारा दिन घूम वृंदावन भटक्यो
मुझसे ही दूर दूर रहे तुमझटक्यो
मुझसे ही दूर दूर रहे तुमझटक्यो
अच्छी लगे................
अच्छी लगे तुमको ग्वालिन की गारी
अच्छी लगे तुमको ग्वालिन की गारी
मैं लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
मैं लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
कान्हा तोरी बोली से मधु टपक है
सांवली सुरतिया पे रस बरसत है
कान्हा तोरी बोली से मधु टपक है
सांवली सुरतिया पे रस बरसत है
श्याम काहे................
श्याम काहे देते मेरी सुध बिसारी
श्याम काहे देते मेरी सुध बिसारी
मैं लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
मैं लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
पूछ रही राधा बताओ गिरधारी
पूछ रही राधा बताओ गिरधारी
मैं लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
मैं लगूं प्यारी या बंसी है प्यारी
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