Song by - भारत शर्मा व्यास ( bharat sharma vyas )
देवर तनी देहिया पर डाल द रजाई।
नैन छुरी से कटारी हो गईल ,
नैन छुरी से कटारी हो गईल।
रुप के दुनिया , पुजारी हो गईल ,
केहू नजरिया में , आके जब बस जाई ,
त जनिह के प्रेम के, बेमारी हो गईल। ।
एगो भौजाई अपना , लहूरा देवर से कहतरी
आरे पियवा सिवान से , पियावा सिवान से
अरे अन्हार भइले आई
देवर तनी देहिया पर डाल द रजाई।
देवर तनी देहिया पर डाल द रजाई।
पियवा सिवान से , पियवा सिवान से
अन्हार भइले आई ,
देवर तनी देहिया पर डाल द रजाई।
देवर तनी देहिया पर डाल द रजाई।
कलहूसे सगरी , कलहूसे सगरी
बदनिया पिरातबा...........
कलहूसे सगरी बदनिया पिरातबा
उठेला दर्द नहीं तनिक थीरातबा
पियवा के इचिको न , पियवा के इचिको ,
पियवा के इचिको ना , कहियो बुझाई।
देवर तनी देहिया प डाल द रजाई।
देवर तनी देहिया प डाल द रजाई।
Devar Tani Dehiya Pe Daali Da ( Bhojpuri Video Song ) - Bharat Sharma Vyas
कुछऊ आराम मिली , कुछऊ आराम मिली
पासे तनी अईत ,कुछऊ आराम मिली
पासे तनी अईत , जाड़ा बड़ा लागे तनी ,
हमें दवईत , धीरे - धीरे देहीत
धीरे - धीरे दिहित , धीरे - धीरे
धीरे - धीरे दिहित , धीरे धीरे दिहित
कमरिया दबाई ,
देवर तनी देहिया पर डाल द रजाई।
देवर तनी देहिया प डाल द रजाई।
सोख चाहे ओझाके , सोझा बोलाई द
सोख चाहे ओझाके , सोझा बोलाई द
कईसन बीमारी ह , तनी झड़वाईद
सूट नाही करेला , सूट ना ही करेला
सूट नहीं करेला , अंग्रेजी दवाई
देवर तनी देहिया प डाल द रजाई।
सूट नाही करेला अब अंग्रेजी दवाई
देवर तनी देहिया प डाल द रजाई।
देवर तनी देहिया प डाल द रजाई।
केतना जवानी , केतना जवानी लेआईल तबाही
केतना जवानी , लेआईल तबाही
कहनी भरत के , बुलाई दिहत राही
हमके अकेले , हमके अकेले न
हमके अकेले न , आवे उँघाई
देवर तनी देहिया प डाल द रजाई।
देवर तनी देहिया प डाल द रजाई।
हमेके अकेले , हमके अकेले न आए उँघाई
देवर तनी देहिया पर डाल दो रजाई।x 3 बार
सरल शब्द हिंदी में -
छुरी - कैंची , केहू - कोई , जनिह - समझना , एगो भौजाई - एक भाभी , अन्हार - रात , कलहूसे - कल से , बदनिया पिरातबा - शरीर में दर्द होना , इचिको - इसका ,
गीत का अनुवाद हिंदी में -
गायक कहता है की नैन छुरी अर्थात कैची से कटारी हो गई। अर्थात नायिका अब जवान हो गई और इस यौवन भरे रूप पर दुनिया की आसक्ति हो गई। अर्थात इस रूप की दुनिया पुजारी हो गई है। जब कोई किसी के नजर में बस जाता है तो समझ लेना चाहिए कि उसे प्रेम की एक गंभीर बीमारी हो गई।
एक भाभी अपने देवर से कहती है कि उसके पिया ( पति ) सिवान गए हुए हैं जो अगले दिन अर्थात रात्रि के उपरांत आएंगे तो देवर मेरे शरीर पर रजाई डाल दो।
भाभी कहती है कि कल से ही पूरा बदन दर्द से कराह रहा है , और रह-रहकर दर्द हो रहा है , जो देह में तकलीफ दे रहा है और पिया को अर्थात मेरे पतिदेव को इसका खयाल नहीं है। इसलिए देवर मेरे शरीर पर रजाई डाल दो जिससे कुछ आराम मिले।
भाभी कहती है तुमसे कुछ आराम मिले इसके लिए तुम मेरे पास आओ और शरीर जो दर्द और सर्दी से कांप रहा है, कमर , बदन थोड़ा दबा दो और मेरे बदन पर रजाई ओढ़ा दो।
भाभी पुनः अपने देवर से कहती है कि पूरा बदन दुख रहा है। मैं दर्द से व्यथित हो रही हूं इस दर्द को या तो तुम सोख ( समाप्त ) लो अर्थात इसका कुछ इलाज कर दो और नहीं तो किसी वैद्य को बुलवा लो , क्योंकि अब मुझे अंग्रेजी दवाई नहीं भा रही है अर्थात वैद्य को जल्दी बुला लाओ और मेरे शरीर पर रजाई ओढ़ा दो।
भाभी अपने देवर से पुनः कहती है कि यह जवानी भी कितनी निगोड़ी है जो तबाही लेकर आई है। भाभी राही से कह रही है कि भारत को अर्थात गायक को बुला दो क्योंकि अब अकेले नींद नहीं आ रही है। क्यूंकि पिया के बिना मैं कभी अकेले नहीं सोई और बिहान हो कर अर्थात सवेरे ही या आएंगे और मेरा शरीर आराम चाह रहा है इसलिए देवर मेरे शरीर पर रजाई ओढ़कर मेरे निकट रहो।
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